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फ्री योजनाओं से बढ़ रहा भ्रष्टाचार, झूठे दस्तावेजों पर हो सख्त कार्रवाई – श्री दुबे
श्री दुबे ने समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि समाज की अधिकांश समस्याएं नेताओं द्वारा ही पैदा की गई हैं। चुनाव के समय मुफ्त योजनाओं और सामग्रियों के वितरण से भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है, जिससे सफेदपोश नेताओं की भूमिका संदिग्ध हो जाती है।
उन्होंने यह भी कहा कि यदि झूठी गवाही, फर्जी एफिडेविट, झूठे हलफनामे, नकली वसीयतनामा और फर्जी जन्म प्रमाण पत्रों को आपराधिक श्रेणी में डाल दिया जाए, तो अदालतों में लंबित आधे से अधिक मामले स्वतः ही समाप्त हो जाएंगे। श्री दुबे का मानना है कि सख्त कानूनी कार्रवाई से न्याय व्यवस्था में पारदर्शिता आएगी और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जा सकेगा।
छत्तीसगढ़ में बढ़ता धन्मांतरण: सामाजिक संरचना पर प्रभाव और संभावित चुनौतियाँ
छत्तीसगढ़ में बीते कुछ वर्षों में धन्मांतरण यानी धन के बदले धर्म परिवर्तन की घटनाएँ तेजी से बढ़ी हैं। यह विषय सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील बनता जा रहा है। राज्य के कई इलाकों, विशेषकर आदिवासी और ग्रामीण क्षेत्रों में, धर्मांतरण को लेकर चर्चाएं और विवाद सामने आ रहे हैं।
धन्मांतरण क्या है?
धन्मांतरण एक ऐसी प्रक्रिया मानी जाती है, जिसमें किसी व्यक्ति या समुदाय को आर्थिक प्रलोभन देकर उसका धर्म परिवर्तन कराया जाता है। यह अक्सर गरीब और वंचित तबके के लोगों के बीच देखा जाता है, जहां शिक्षा और आर्थिक संसाधनों की कमी के कारण लोग आसानी से प्रभावित हो जाते हैं।
छत्तीसगढ़ में धन्मांतरण के बढ़ते मामले
छत्तीसगढ़ में विशेष रूप से बस्तर, सरगुजा, रायगढ़ और जशपुर जैसे आदिवासी बहुल क्षेत्रों में धर्मांतरण की घटनाएँ तेजी से बढ़ी हैं। इन इलाकों में विभिन्न संगठनों द्वारा गरीब और आदिवासी परिवारों को आर्थिक मदद, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएँ और नौकरी का लालच देकर धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित करने के आरोप लगते रहे हैं।
धन्मांतरण के प्रमुख कारण
1. आर्थिक असमानता: गरीबी और बेरोजगारी के कारण कई परिवार बेहतर जीवन स्तर की उम्मीद में धर्म परिवर्तन के लिए राजी हो जाते हैं।
2. शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएँ: कई बार गैर-सरकारी संगठनों द्वारा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के बदले धर्म परिवर्तन कराने के आरोप लगते हैं।
3. सामाजिक भेदभाव: कुछ समुदायों में व्याप्त जातिगत भेदभाव के कारण लोग दूसरे धर्मों की ओर आकर्षित होते हैं।
4. मिशनरी संगठनों की सक्रियता: ईसाई मिशनरियों और अन्य संगठनों की सक्रियता भी एक बड़ा कारण मानी जाती है, जो गरीबों को सहायता प्रदान करते हुए धर्म परिवर्तन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हैं।
धर्मांतरण को लेकर बढ़ता विवाद
धर्मांतरण का मुद्दा छत्तीसगढ़ की राजनीति में भी गरमाया हुआ है। कई संगठनों और राजनीतिक दलों ने इस पर चिंता जताते हुए इसे राज्य की संस्कृति और परंपरा के लिए खतरा बताया है। वहीं, कुछ मानवाधिकार संगठन इसे व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार मानते हैं और कहते हैं कि हर व्यक्ति को अपनी इच्छा से धर्म बदलने की आज़ादी होनी चाहिए।
सरकार और प्रशासन की भूमिका
छत्तीसगढ़ सरकार ने धर्मांतरण को रोकने के लिए कड़े कानून बनाए हैं। राज्य में धर्मांतरण विरोधी कानून लागू है, जिसके तहत बिना सरकारी अनुमति के धर्म परिवर्तन कराना अवैध माना जाता है। हाल ही में सरकार ने कई मामलों में जांच के आदेश दिए हैं और कई संगठनों पर कार्रवाई भी की गई है।
निष्कर्ष
धन्मांतरण छत्तीसगढ़ की सामाजिक संरचना के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है। इसके बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार, समाज और प्रशासन को मिलकर ठोस कदम उठाने की जरूरत है ताकि धर्म परिवर्तन स्वेच्छा से हो, न कि लालच या दबाव में। साथ ही, समाज में व्याप्त आर्थिक असमानता और भेदभाव को दूर करने के लिए शिक्षा, रोजगार और जागरूकता अभियान को बढ़ावा देना भी आवश्यक है।